Sunday, June 27, 2010

आओ , थोड़ा हँस तो लें.... 6


एक आदमी एक चौक पर खड़ा था। पुलिस वाले ने उससे पूछा-क्या नाम है तुम्हारा?
वह आदमी बोला-जी, टाईगर।
पुलिस वाला-पिता का नाम?
आदमी-जी, शेरबहादुर।
पुलिस वाला-यहां क्यों खड़े हो?
आदमी-जी, आगे कुत्ते भौंक रहे हैं।

घर आए मेहमान ने एक बच्चे प्रदीप से पूछा-बेटा, तुम्हारा नाम क्या है?
प्रदीप-जी, प्रदीपकुमार।
मेहमान-और आपके पापा का नाम?
प्रदीप-जी, अभी रखा नहीं है....बस प्यार से हम उन्हें डैडी-डैडी कहते हैं।

पापा-तुम आधे घण्टे से मुर्गा बने क्यों बैठे हो ?
सोनू- आपने ही तो कहा था कि जो काम स्कूल में कराया जाए, उसे आधा घण्टा घर पर भी किया करो।

दीपू-मैं तुझे ऐसा थप्पड़ मारूंगा कि नानी याद आ जाएगी।
पूनम-लेकिन नानी कैसे याद आ जाएगी। नानी को तो मैं ने देखा ही नहीं है।

अंजू ने 5 का सिक्का निगल लिया। डाक्टर साहब बोले-बेटी घबराओ मत। सब ठीक हो जाएगा।
लेकिन डॉक्टर अंकल, मैं तो इसलिए घबरा रही हंू कि वह सिक्का आप लेंगे या मुझे देंगे? अंजू बोली।

एक सहेली दूसरी से-मैंने सुना है कि तुम तीसरी शादी कर रही हो?
दूसरी-हां बहन, क्या करूं, मेरा पहला पति भगवान को प्यारा हो गया और दूसरा हाल ही में एक पड़ौसन को।

साहब-अरे गंगू, जरा देखना, कितने बजे हैं?
गंगू-साहब, मुझे समय देखना नहीं आता।
साहब-अच्छा, कोई बात नहीं। घड़ी देखकर बताओ कि बड़ी सूई किधर है और छोटी सूई किधर है?
गंगू-जी, दोनों सूइयां घड़ी के अंदर ही हैं।

पापा: अच्छा मोहन, तुम अपनी कक्षा के बच्चों के नाम बताओ।
मोहन : पापा, मेरी कक्षा के सब बच्चों का नाम यश है।
पापा: हैरानी से-बेटा, यह कैसे हो सकता है?
मोहन : क्योंकि पापा, मैडम जब बुलाती हैं तो सभी बच्चे यश मैडम ही कहते हैं।

रॉकी : इस पिल्ले की कीमत क्या है?
दुकानदार: 300 रुपये।
रॉकी : 300 रुपये? पर कल तो तुम ने इसकी कीमत 200 रुपये बताई थी।
दुकानदार: हां, लेकिन कल रात इसने 100 रुपये का नोट चबा लिया था।

श्याम ने अपनी नई घड़ी के पट्टे पर एक मरा हुआ मच्छर देखा। वह रोने लगा।
पापा ने पूछा: श्यामू, तुम रो क्यों रहे हो?
श्याम: पापा, मेरी घड़ी का ड्राइवर मर गया है। अब मेरी घड़ी बंद हो जाएगी।

दादाजी : पोते से- रात में सपने मे मैंने बहुत अच्छा डांस देखा।
पोता: अच्छा, लेकिन दादाजी, रात में तो आपने चश्मा पहना ही नहींं था, फिर आपने डांस कैसे देख लिया?

कमला : मच्छर तो पहले रात में काटते थे, अब दिन में भी काटने लगे हैं।
विमला: महंगाई के कारण बेचारों को रात दिन काम करना पड़ता है।

वक्की : मैथ्स के टीचर मुझे बहुत अच्छे लगते हैं।
पापा: क्यों?
विक्की: क्योंकि वे जरा सी गलती पर ही क्लास से बाहर कर देते हैं।

Wednesday, June 23, 2010

आओ , थोड़ा हँस तो लें.... 5


* सिटी बसके एक कंडक्टर ने एक बाबूजी से पूछा-जनाब, कल रात आप सही सलामत घर पहुंच गए थे न?
बाबूजी-क्यों? क्या तुम समझते हो कि मैंने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी, अरे भोले आदमी, तुम ने देखा नहीं कि मैंने नशे की हालत में भी अपनी सीट उस वृद्धा स्त्री को दे दी और खुद खड़े-खड़े सफर किया।
वही तो मैं कह रहा हूं। कंडक्टर बोला-उस समय बस में केवल आप और वह वृद्धा स्त्री ही तो सवार थे।

* दो शहरी दोस्त आपस में बातें कर रहे थे। एक देहाती उनके दरम्यान आकर चलने लगा। उनमें से एक शहरी ने मजाक में उससे कहा-क्यों भई, तुम बेवकूफ हो या गधे?
देहाती बोला-जी, दोनों के बीच में हंू।

* पति-यह शीशा तुम्हारे कारण टूटा है। पत्नी-जी नहीं, तुम्हारे कारण टूटा है। यदि तुम शीशे के आगे से नहीं हटते तो यह जूता शीशे की बजाय आपको ही लगता।

* सरोज ने अपनी सहेली शबनम की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा-तुमने सचमुच बहुत बहादुरी दिखाई और चोर पर इस तरह टूट पड़ी कि वह भाग खड़ा हुआ।
शबनम-मुझे क्या पता था कि वह चोर था। मैँ तो समझी थीं कि मेरा पति शराब पीकर गिरता पड़ता फिर देर रात गए घर आया है।

* एक ग्रामीण एक शहर में गया। वहां उसे कुछ दिन रहना था इसलिए उसने होटल में एक कमरा ले लिया। कुछ देर बाद उसने मैनेजर से पूछा-यहां खाने का क्या समय है? मैनेजर ने कहा-नाश्ता सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक। दोपहर का खाना बारह बजे से तीन बजे तक और रात का खाना छह बजे से रात दस बजे तक।
अगर इतना समय खाने में ही लग जाएगा तो मैं शहर कब देखूंगा? ग्रामीण ने भोलेपन से पूछा।

* मीता- मेरे पिताजी ने तो तैरने का रिकार्ड तोड़ दिया। पूरे तीन दिन बाद लौटे हैं।
गीता-वह तो ठीक है। लेकिन तुम्हारे पिताजी हमारे पिताजी का मुकाबला नहीं कर सकते।
कैसे?
मेरे पिताजी चार साल पहले तैरने गए थे और आज तक नहीं लौटे हैं।

Friday, June 11, 2010

आओ , थोड़ा हँस तो लें.... 4


सिटी बसके एक कंडक्टर ने एक बाबूजी से पूछा-जनाब, कल रात आप सही सलामत घर पहुंच गए थे न?
बाबूजी-क्यों? क्या तुम समझते हो कि मैंने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी, अरे भोले आदमी, तुम ने देखा नहीं कि मैंने नशे की हालत में भी अपनी सीट उस वृद्ध स्त्री को दे दी और खुद खड़े-खड़े सफर किया।
वही तो मैं कह रहा हूं। कंटक्टर बोला-उस समय बस में केवल आप और वह वृद्ध स्त्री ही तो सवार थे।


दो शहरी दोस्त आपस में बातें कर रहे थे। एक देहाती उनके दरम्यान आकर चलने लगा। उनमें से एक शहरी ने मजाक में उससे कहा-क्यों भई, तुम बेवकूफ हो या गधे?
देहाती बोला-जी, दोनों के बीच में हंू।

सरोज ने अपनी सहेली शबनम की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा-तुमने सचमुच बहुत बहादुरी दिखाई और चोर पर इस तरह टूट पड़ी कि वह भाग खड़ा हुआ।
शबनम-मुझे क्या पता था कि वह चोर था। मैँ तो समझी थीं कि मेरा पति शराब पीकर गिरता पड़ता फिर देर रात गए घर आया है।

एक ग्रामीण एक शहर में गया। वहां उसे कुछ दिन रहना था इसलिए उसने होटल में एक कमरा ले लिया। कुछ देर बाद उसने मैनेजर से पूछा-यहां खाने का क्या समय है?
मैनेजर ने कहा-नाश्ता सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक। दोपहर का खाना बारह बजे से तीन बजे तक और रात का खाना छह बजे से रात दस बजे तक।
अगर इतना समय खाने में ही लग जाएगा तो मैं शहर कब देखूंगा? ग्रामीण ने भोलेपर से पूछा।


मीता- मेरे पिताजी ने तो तैरने का रिकार्ड तोड़ दिया। पूरे तीन दिन बाद लौटे हैं।
गीता-वह तो ठीक है। लेकिन तुम्हारे पिताजी हमरे पिताजी का मुकाबला नहीं कर सकते।
कैसे?
मेरे पिताजी चार साल पहले तैरने गए थे और आज तक नहीं लौटे हैं।


पति-यह शीशा तुम्हारे कारण टूटा है।
पत्नी-जी नहीं, तुम्हारे कारण टूटा है। यदि तुम शीशे के आगे से नहीं हटते तो यह जूता शीशे की बजाय आपको ही लगता।

आओ, थोड़ा हँस तो लें.....3


एक ऑटोरिक्शा के पीछे लिखा था 'आज की आवाज हमें अपने 2 बच्चों पर नाज'। इसी लाइन के नीचे लिखा था पिंंकी, राजू, बिल्लू और बबलू के पापा की गाड़ी।

एक बैंक की ब्रांच में जगह की बहुत तंगी थी और पुराना रिकार्ड रखना मुश्किल हो रहा था। बैंक मैनेजर ने रिजनल मैनेजर को पत्र लिखा, जगह की तंगी होने की वजह से पुराना रिकॉर्ड खत्म करने की आज्ञा दी जाए।
रिजनल मैनेजर ने जवाब दिया, आज्ञा दी जाती है पर खत्म किए जाने वाले रिकॉर्ड की फोटो कॉपी करके जरूर रख ली जाए।

संता- जीतो, घर का सारा सामान छुपा कर रख दो। मेरे दोस्त आ रहे हैं।
जीतो- क्यों, तुम्हारे दोस्त क्या सामान चुरा लेंगे?
संता- नहीं, पहचान लेंगे।

संता- यार ये गरम पानी में चाकू क्यों उबाल रहे हो?
बंता- आत्महत्या करने के लिए।
संता- तो फिर उबालने की क्या जरूरत है?
बंता- कहीं इन्फेक्शन ना हो जाए, इसलिए।

सर- दीपू, कल स्कूल क्यों नहीं आया?
दीपू- सर मैं गिर गया था और लग गई थी।
सर- कहां गिरे और कहां लग गई?
दीपू- सर बिस्तर पर गिरा और आंख लग गई।

व्यक्ति- संता बताओ, अक्ल बड़ी या भैंस?
संता- पहले डेट ऑफ बर्थ तो बता।
अध्यापक- हनी बताओ, सच और झूठ में क्या अंतर है?
हनी-आप हमें पढ़ा रहे हैं, यह सच है और हम पढ़ रहे हैं यह झूठ है।
भेंटवार्ता के दौरान एक डाकू से पत्रकार ने पूछा-आप बूढ़े होने पर क्या करेंगे?
चुनाव लड़कर मंत्री बन जाऊंगा। डाकू ने कहा।

आओ, थोड़ा हँस तो लें....2


एक बूढ़ा समाज सुधारक जेल में बंद युवक चोर से बोला-बेटे, तुम किसी बात की चिंता मत करो। जेल से बाहर निकलोगे तो मैं तुम्हारा पथ-प्रदशन करूंगा।
ठीक कहते हैं आप। युवक चोर धीरे से बोला-दरअसल मुझसे $गलती हो गई थी जो आप जैसे बुजुर्गों के पथ-प्रदर्शन के बिना ही इस धन्धे में पड़ गया।


प्रेमिका ने प्रेमी से पूछा-मेरी आँखें हिरणी जैसी हैं?
''हां!''
और मेरे बाल घटाओं जैसे?
''हां!''
और मेरे होंठ गुलाब की पंखुडिय़ों जैसे?
''हां!''
और जब मैं हँसती हंू तो ऐसा लगता है जैसे बहार आ गई हो?
''हां!''
''ओह!'' प्रेमिका गद्गद् होती हुई बोली-तुम कितनी अच्छी बातें करते हो।


एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका से कहा-डार्लिंग, हमें अपनी शादी की बात बिल्कुल गुप्त रखनी चाहिए।
''नहीं।'' प्रेमिका विरोध करती हुई बोली-मैं शीला से अवश्य कहंूगी। वह कहा करती थी कि शायद ही कोई बेवकूफ मुझसे शादी करेगा।

एक सेठ ने अपने मुन्शी को बुलाकर कहा-रामू, तुम्हें हमारी नौकरी करते हुए चालीस वर्ष हो गए हैं।
जी हां।
हम तुम्हारी स्वामीभक्ति से बहुत खुश हैं और तुम्हारे लिए कुछ करना चाहते हैं।
रामू की आँखें चमक उठीं। वह आशावान नज़रों से सेठजी की ओर देखने लगा। तब सेठ ने कहा-इसलिए हमने सोचा है कि आज से तुम्हें रामू न कहकर रामबाबू कहकर पुकारा करेंगे।


एक बहरा, एक लंगड़ा, एक अंधा और एक कंगाल जंगल के बीच से होकर गुजर रहे थे।
अचानक बहरा बोला-मुझे घोड़ों की आवाज़ सुनाई दे रही है।
इस पर अंधा बोला-अरे, वे तो डाकू हैं। मुझे साफ दिखाई दे रहा है।
इस पर लंगड़े ने सुझाव दिया-चलो भाग चलें। सुनकर कंगाल बोला-आप सब भाग जाओगे तो डाकू मुझे लूट लेंगे।

आओ, थोड़ा हँस तो लें ....1


पति पत्नी में किसी बात पर झगड़ा हो रहा था। जब झगड़ा बहुत ही बढ़ गया तो पति ने अपने क्रोध को काबू में रखते हुए कहा-अब तुम एक शब्द भी न कहना वरना मेरे अंदर जो पशु बैठा है वह जाग जाएगा।
उस पर पत्नी ने कहा-तुम्हारे अंदर जो पशु बैठा है उसे जाग जाने दो। भला मैं भी चूहे से डरने वाली नहीं।

किसी आदमी ने अपने एक मित्र को दावत दी। सारा खाना वही खा गया। घर वाले भूखे रह गए। पांच साल का बिल्लू तो भूख के मारे रो पड़ा। उसकी माँ ने कहा-बेटा, मेहमान को जाने दो, तुम अकेले क्यों रो रहे हो, फिर सारे मिलकर रोएंगे।

एक व्यक्ति ने अपने दूध वाले से झल्लाकर कहा-तुममें और गाय में केवल यह अंतर है कि वह शुद्ध देती है और तुम पानी मिलाकर देते हो।
दूध वाले ने उत्तर दिया-नहीं जनाब, एक अंतर और भी है कि मैं उधार देता हंू और गाय उधार नहीं देती।


बहुत देर तक दुकान के चक्कर लगाने के बाद भी जब ग्राहक ने कुछ नहीं लिया तो दुकानदार ने पूछा-आखिर आप को चाहिए क्या?
मौका। ग्राहक ने कहा।

एक बुजुर्ग एक सभा में फैशन के विरुद्ध बोलते हुए कह रहे थे-और यह लिपिस्टिक तो मुझे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती। न मुझे उसका रंग पसंद है और न स्वाद।

अगर आप टेंशन के कारण हंस नहीं पाते तो एक नुस्खा अपनाइए। एक कागज पर हा-हा-ही-ही-हू-हू-हे-हे लिखिए और सुबह शाम खाली पेट पढि़ए, फिर भी हँसी न आए तो पढऩे की रफ्तार बढ़ा दीजिए। फिर देखिए।