सिटी बसके एक कंडक्टर ने एक बाबूजी से पूछा-जनाब, कल रात आप सही सलामत घर पहुंच गए थे न?
बाबूजी-क्यों? क्या तुम समझते हो कि मैंने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी, अरे भोले आदमी, तुम ने देखा नहीं कि मैंने नशे की हालत में भी अपनी सीट उस वृद्ध स्त्री को दे दी और खुद खड़े-खड़े सफर किया।
वही तो मैं कह रहा हूं। कंटक्टर बोला-उस समय बस में केवल आप और वह वृद्ध स्त्री ही तो सवार थे।
दो शहरी दोस्त आपस में बातें कर रहे थे। एक देहाती उनके दरम्यान आकर चलने लगा। उनमें से एक शहरी ने मजाक में उससे कहा-क्यों भई, तुम बेवकूफ हो या गधे?
देहाती बोला-जी, दोनों के बीच में हंू।
सरोज ने अपनी सहेली शबनम की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा-तुमने सचमुच बहुत बहादुरी दिखाई और चोर पर इस तरह टूट पड़ी कि वह भाग खड़ा हुआ।
शबनम-मुझे क्या पता था कि वह चोर था। मैँ तो समझी थीं कि मेरा पति शराब पीकर गिरता पड़ता फिर देर रात गए घर आया है।
एक ग्रामीण एक शहर में गया। वहां उसे कुछ दिन रहना था इसलिए उसने होटल में एक कमरा ले लिया। कुछ देर बाद उसने मैनेजर से पूछा-यहां खाने का क्या समय है?
मैनेजर ने कहा-नाश्ता सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक। दोपहर का खाना बारह बजे से तीन बजे तक और रात का खाना छह बजे से रात दस बजे तक।
अगर इतना समय खाने में ही लग जाएगा तो मैं शहर कब देखूंगा? ग्रामीण ने भोलेपर से पूछा।
मीता- मेरे पिताजी ने तो तैरने का रिकार्ड तोड़ दिया। पूरे तीन दिन बाद लौटे हैं।
गीता-वह तो ठीक है। लेकिन तुम्हारे पिताजी हमरे पिताजी का मुकाबला नहीं कर सकते।
कैसे?
मेरे पिताजी चार साल पहले तैरने गए थे और आज तक नहीं लौटे हैं।
पति-यह शीशा तुम्हारे कारण टूटा है।
पत्नी-जी नहीं, तुम्हारे कारण टूटा है। यदि तुम शीशे के आगे से नहीं हटते तो यह जूता शीशे की बजाय आपको ही लगता।
Bhai,Deendayal ji,
ReplyDeleteNameskar,
Aaj Aap ka hansi-majaak ka minye or mere sampurn staff n bherpur Aannad liya .Aap k gudgudane wale chutkele dil k bhiter tek gudgudate rehye or chehre per lambye samaye tek muskerahet rehi sabhi k.
Is tension bheri life m Aap bhut hi paviter kam ker reho ho.
Aap ko sabhi ko hasnye k liye dhanyabad.
NAESH MEHAN